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Thursday, September 8, 2016

कुछ् यूँ हुआ की जब भी ज़रूरत पड़ी मुझे 
हर शख्स इत्तेफ़ाक से मज़बूर होता गया....😳

अपने काम से काम रखना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है...😱

आदते बुरी नहीं शौक ऊँचे हैं वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही की हम देखे और पुरा ना हो...👍

हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते...💔

इंसान ख्वाहिशो से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है उम्मीदों से ही घायल है उम्मीदों पर ही जिन्दा है....😭

मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं💔

वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी ये रूहानी मुहब्बत है कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाये..😘

इस से 'ज़्यादा' 'तुम्हे' और कितना 'करीब' लाऊँ 'मैं' कि तुम्हे 'दिल' में 'रख' कर भी मेरा दिल नहीं 'भरता'...

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